श्री तिरुपति बालाजी
- Published May 12, 2024
मावाल गाँव में स्थित यह नया मंदिर, माउंट आबू और आबू रोड से लगभग 36 किमी की दूरी पर है। इसे आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के आधार पर बनाया गया है। श्री विजय वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी धाम के नाम से जाना जाने वाला यह मंदिर पारंपरिक वास्तुकला और स्थानीय भक्ति का सुंदर संगम है।
इतिहास और महत्व
करीब 2.5 वर्षों में लगभग 600 शिल्पकारों द्वारा निर्मित, इस मंदिर में मूल तिरुपति मंदिर जैसी ही वास्तुकला के तत्व दोहराए गए हैं—जैसे प्रवेश द्वार, मूर्ति का स्वरूप और पूजा की विधियां।
मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा (अभिषेक और उद्घाटन समारोह) अक्टूबर 21 से 26 के बीच संपन्न हुई, जिसके बाद इसे श्रद्धालुओं के लिए खोला गया।
मंदिर वास्तुकला और अनुष्ठान
यह मंदिर द्रविड़ शैली में निर्मित है, जिसका विन्यास और द्वार तिरुमाला मंदिर परिसर से मेल खाते हैं।
दैनिक पूजा, आरती और प्रसाद वितरण की परंपरा भी तिरुपति मंदिर जैसी ही है। इसके लिए पुजारियों को विशेष रूप से तिरुपति से आमंत्रित किया गया।
क्यों खास है?
यह राजस्थान का पहला मंदिर है जिसे विशेष रूप से तिरुपति बालाजी मंदिर की शैली में बनाया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को बिना दूर यात्रा किए वही दिव्य अनुभव प्राप्त होता है।
अरावली की तराई में स्थित यह मंदिर प्रार्थना, ध्यान और फोटोग्राफी के लिए एक शांत और पवित्र वातावरण प्रदान करता है।
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