प्राचीन शिव मंदिर

सिरोही किला

  • Published March 10, 2024

श्रेय

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सिरोही किला राजस्थान के दक्षिणी भाग में सिरणवा पहाड़ी पर स्थित है, जो सिरोही नगर से लगभग 20 किमी दूर है। इसकी स्थापना 1425 ईस्वी में राव सहस्त्रमल (राव सोभाजी के पुत्र) ने की थी। यह देवड़ा चौहान वंश की राजधानी और शक्ति का प्रतीक बना।


ऐतिहासिक महत्व

  • इस किले का निर्माण देवड़ा चौहान राजपूतों ने किया था।
  • सिरोही राज्य की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसने कभी भी मुगल या मराठों की अधीनता स्वीकार नहीं की
  • यह किला पराक्रम, स्वतंत्रता और स्थानीय शिल्पकला का प्रतीक है।

स्थापत्य और पहुँच

  • किला काले पत्थरों से बना है और इसमें दुर्गदीवारें, बुर्ज, द्वार और महलों के अवशेष दिखाई देते हैं।
  • यह दूर से अत्यंत आकर्षक लगता है, लेकिन आम पर्यटकों के लिए प्रवेश अक्सर बंद रहता है।
  • यहाँ केवल विशेष अवसरों पर जैसे महाशिवरात्रि या स्थानीय मेलों के समय ही प्रवेश मिलता है।

आसपास के स्थल

  • किले के उत्तर में सर्नेश्वर महादेव मंदिर है, जो सिरोही शाही परिवार का कुलदेवता स्थल है।
  • मान्यता है कि यह मंदिर उस विजय की स्मृति में बना है जब चौहान राजपूतों ने अलाउद्दीन खिलजी की सेना को परास्त किया था।
  • इस विजय की याद में आज भी सर्नेश्वर मेला मनाया जाता है, जिसमें राबड़ी समुदाय विशेष रूप से भाग लेता है।
  • आसपास ही जैन मंदिर, वर्मन सूर्य मंदिर और चन्द्रावती के खंडहर भी देखने लायक हैं।

क्यों खास है सिरोही किला?

  • यह अन्य प्रसिद्ध राजस्थानी किलों जितना पर्यटन-केंद्रित नहीं है, इसलिए यहाँ का वातावरण शांति और सौम्यता से भरा रहता है।
  • अरावली पर्वतों से घिरा यह किला इतिहास, लोककथाओं और स्थापत्य का अद्भुत मेल है।
  • इतिहास प्रेमियों, फोटोग्राफरों और शांत वातावरण खोजने वाले यात्रियों के लिए यह स्थान एकदम उपयुक्त है।

विशेषताविवरण
स्थापना वर्ष1425 ई.
संस्थापकराव सहस्त्रमल (देवड़ा चौहान)
स्थानसिरणवा पहाड़ी, सिरोही नगर से ~20 किमी
पहुँचसामान्यतः बंद; केवल मेलों में खुला रहता है
पास के स्थलसर्नेश्वर महादेव मंदिर, मातर माता मंदिर
घूमने का श्रेष्ठ समयमहाशिवरात्रि या स्थानीय मेले का समय

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